भाई रे अना नै परो
भाई रे अना नै परो,
दहेज़ मुक्त मिथिला चाही त,
दहेज़ मुक्त मैथिल बैन जो,
भाई रे अना...............
जों ललचेवे टका तू लेवे,
जिनगी बनी जेतौ पनिसोह,
अपनों कनवे कनियो कनतौ,
ताई अंतरात्मा के नै जरो,
भाई रे अना.............
कनिया स वियाह कर मनिया(money) स नई,
मनिया नाचेताऊ कनिया साजेताऊ,
मनिया के मोह स अपना आप के बचो,
कनिया के स्नेह में तोउ डूबी जो ,
भाई रे अना.............
जिनगी रहलौ त पाई बड कमेवे,अपनों उरेबे हमरो बजेबे,
जाऊ कियो कहतु ससुर वाला पाई छैन,तखन कहइ ककरा मुह देखेबे,
अखनो छऊ मोका आब त सुधईर जो,
कलर के ठार कर गीत गुण गुणों,
भाई रे अना............
बाबु के मोन छैन लाथ नई ई करइ,
एक गलती स जिनगी नई ई सरेइ,
तोहर जिनगी छऊ तू बाबू के बूझो,
उज्वल भविष्य के अपने नई सुतो,
भाई रे अना नै परो,
दहेज़ मुक्त मिथिला चाही त,
दहेज़ मुक्त मैथिल बैन जो,
भाई रे अना...............
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