सुचना: प्रिय मैथिल बंधूगन, किछ मैथिल बंधू द्वारा सोसिअल नेटवर्क (फेसबुक) पर एक चर्चा उठाओल गेल " यो मैथिल बंधूगन कहिया ई दहेजक महा जालसँ मिथिला मुक्त हेत ?" जकरा मैथिल बंधुगणक बहुत प्रतिसाद मिलल! तहीं सँ प्रेरीत भs कs आय इ जालवृतक निर्माण कएल गेल अछि! सभ मैथिल बंधू सँ अनुरोध अछि, जे इ जालवृत में जोर - शोर सँ भागली, आ सभ मिल सपथ ली जे बिना इ प्रथा के भगेना हम सभ दम नै लेब! जय मैथिली, जय मिथिला,जय मिथिलांचल!
नोट: यो मैथिल बंधुगन आओ सभ मिल एहि मंच पर चर्चा करी जे इ महाजाल सँ मिथिला कोना मुक्त हेत! जागु मैथिल जागु.. अपन विचार - विमर्श एहि जालवृत पर प्रकट करू! संगे हम सभ मैथिल नवयुवक आ नवयुवती सँ अनुरोध करब, जे अहि सबहक प्रयास एहि आन्दोलन के सफलता प्रदान करत! ताहीं लेल अपने सभ सबसँ आगा आओ आ अपन - अपन विचार - विमर्श एहि जालवृत पर राखू....

सोमवार, 15 सितंबर 2014

मिथिला - मैथिलीक मौलिक अधिकारक रक्षाक लेल शुभारम्भ कलश यात्रा , दहेज़ मुक्त मिथिलाक अगुवाई में देल्ही सं

मिथिला - मैथिलीक  मौलिक अधिकारक  रक्षाक लेल  शुभारम्भ  कलश यात्रा ,  दहेज़ मुक्त मिथिलाक  अगुवाई में  देल्ही  सं
Pravin Narayan Choudhary- 
हम एक बेर फेर समस्त दिल्लीवासी गंभीर एवं प्रतिबद्ध मिथिला-मैथिली प्रेमीजन केँ हार्दिक धन्यवाद देबय चाहब जे अपने लोकनिक सहयोग सँ एतेक भव्यता संग काल्हिक कार्यक्रम संपन्न भेल। एक तऽ मानव ताहू पर सँ अनेको तरहक भौतिक भोग-व्यसन सँ रोगग्रस्त कमजोर मानसिकताक शिकार हम प्रवीण एवं समस्त आयोजन पक्ष कतेको प्रकारक त्रुटिपूर्ण प्रस्तुति केने होयब, ताहि सब लेल अपने लोकनि क्षमा करब। किछु महत्त्वपूर्ण घोषणा सब करबाक छल, किछु अभियानक जानकारी सब देबाक छल, लेकिन कार्यक्रम अपन गति मे चलि देबाक कारणे हमरा वश मे किछु नहि रहि सकल। तैँ बेर-बेर मात्र क्षमायाचना टा करब। जे किछु त्रुटि भेलैक ताहि लेल आगाँ आरो सुन्दरता संग सुधार अनैत दिन-ब-दिन बेहतरी केर दिशा मे हम सब बढब से विश्वास बढि गेल।
आयोजन पक्षक मित्र लोकनि!
    
      अहाँ सबहक ऋण सँ ऊऋण हम कहियो नहि भऽ सकब। अमरनाथजी केर निरंतर सहयोग, डिजाइनिंग सहित कार्यक्रम लेल अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मानल जायवला सामरिक सहयोग एवं प्रखरता-ओजस्वी संचालन करैत पुन: समीक्षा तक अपनेक संग अविस्मरणीय रहल। संजीव भाइ द्वारा बौद्धिक-वैचारिक आ अतिथिक सूची निर्धारण करैत 'कमल संदेश' केर कार्यालय पर्यन्त संयोजन हेतु उपलब्ध करेनाय - ओह शब्द नहि अछि जे हम धन्यवाद कय सकी। बस, आह्लादित हृदय सँ हमर स्नेह स्वीकार करब। कौशलजी केर सह-संयोजन मानू जेना प्रवीणक दोसराइत बनि सब बागडोर सम्हारलैन, आ केहन हमर स्मृति जे अहाँक अभियान पर जे चर्चा करेबाक छल वैह मनमस्तिष्क सँ बाहर चलि गेल। लेकिन याद राखब, जगज्जननी मैथिली केर कृपा, हम अहाँक हरेक सपना केँ साकार करबाक लेल आइये आ एखनहि सँ प्रण करैत छी। किछु समय देल जाउ। पहिने सँ दिमाग मे जे सब रहल से सब शालीनतापूर्वक संपन्न भेल आ आब मिथिलाक्षर फोन्ट विकास मे यथाशीघ्र निश्चित प्रगति आनि सकब, से गछैत छी। दिसम्बर २०१४ धरि ई कार्य पूरा करबायब, अहाँ निश्चिन्त रहू। हमर 'दि बेस्ट एफोर्ट्स' एहि विन्दु पर आगामी समस्त कार्यक्रम - भ्रमण, अभियान मे ई योजना शामिल रहत। आइ प्रामिस यू! प्रकाश भाइ, मैलोरंग - अहाँक सृजनशील आ क्रान्तिकारी योजना निर्माण हमर मनक बात करैत प्रमुख अतिथिक चुनाव सुझाव मे सहयोग केलक - सहभागिता हेतु अपनेक हर प्रयास नमन योग्य भेल।
फेसबुक केँ धन्यवाद - जे भाइ नरेन्द्र मिश्र संग भेट करौने छल। भाइ अपन संस्थान 'साईंधाम' केर दर्शन करबैत गछने छलाह जे कहियो अहाँ सब मिथिला लेल एतहु अभियान संचालित करू। ओ जहिना एतेक बात कहलैन, तहिये सँ दिमाग मे चलि रहल छल। सब मित्रवर्गकेँ कहने रही जे मिथिला-मैथिली प्रति अगाध सिनेह रखनिहार नरेन्द्र भाइजी केँ हम सब जोडिकय स्वयंसेवा सँ अपन मातृभूमि-मातृभाषा सहित संस्कृति-साहित्य-समाज लेल आगू बढब। ठीक तहिना भगवतीक कृपा सँ एहि बेर संभव भेल। भाइकेँ एक बेर फोन करिते सांगोपाँग तैयार आ तत्पर रहैत सहयोग देबाक वचन देलनि। काल्हि कार्यक्रम मे हुनक स्वैच्छिक योगदान सँ कार्यक्रम स्थल, साज-सज्जा, अतिथि-सत्कार (जलपान सहित) सहयोग लेल पूरा कार्यालय एवं साईंधाम केर अधिकारीवर्ग केँ तैयार अवस्था मे उपलब्ध करौलनि। साईंधाम केँ हृदय सँ धन्यवाद आ आभार प्रकट करैत नरेन्द्र भाइजीक एतेक पैघ सहयोग प्रति बेर-बेर नमन करय चाहब।
कम समय मे सोचल एहि कार्यक्रम एकमात्र महादेव केर प्रेरणा सँ साक्षात् जगज्जननी मिथिला धिया सिया एवं गौरीक कृपा सँ संभव भेल। किछु भाइ लोकनि नहि आबि पेला। शेफालिका माय आ निवेदिता बहिन केर अनुपस्थिति बड कचोटलक। लेकिन आदित्य भूषण मिश्र संग हुनक एक मित्र स्वयं सियारूप मे आबि कार्यक्रमरूपी शिव केँ शव होमय सँ बचबैत स्वयं पूर्ण कार्यक्रम अवधि भरि लेल शक्तिस्वरूपा अन्नपूर्णा बनि विराजमान रहली आ मैथिली नहि बुझितो ओ आनन्दमग्न होइत अपनो एक प्रस्तुति हिन्दी मे पूर्ण मर्मसँ भरल प्रस्तुत केलीह। कविश्रेष्ठ मैथिलक कमी नहि रहल। मनीष झा बौआभाइ, आदित्य भाइ, नितेश कर्ण, किशन कारीगर, जगदानन्द झा मनु भाइ... रामानाथ बाबु, विमल बाबु, विजय काका, विजय जेट भाइ, संजय नागदह भाइ... मस्त वातावरण मे मैथिली जिन्दाबाद - मिथिला जिन्दाबाद होइत रहल। बिजली गूल भेलाक बाद कवि लोकनिक उत्साह एहेन चरम पर छल जे मोमबत्तीक रौशनी मे सेहो कविता वाचन चलैत रहल। अन्त मे बिजली केँ फेर आबय पडलैन।
     
अक्षय बाबु केर आलेख लेल देल समय - बहुत कमे समय मे दिन-राति एक करैत समस्त संवैधानिक सन्दर्भ पर प्रकाश दैत हम मिथिलावासीक मौलिक अधिकार पर प्रकाश देबाक एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आलेखक प्रस्तुति ऐतिहासिक भेल। एहि विषय पर गंभीर कार्य करैत जाहि तरहें सुझाव देल गेल से मनन एवं अनुकरण योग्य अछि। डा. देवशंकर नवीन - हमरा लोकनिक मार्गदर्शक - हिनक प्रमुख आतिथ्य कार्यक्रम लेल पूर्ण चन्द्रमाक शीतल - निश्छल चाँदनीक समान छल। ऋतेशजी एवं शिशिर बाबु संग नीलमाधव चौधरी सर केर सरस प्रोत्साहित करयवला उपस्थिति आ राखल गेल आलेख पर टिप्पणी सारगर्भित छल। नाउ एण्ड देन - मिथिला मेन - दहेज मुक्त मिथिलाक प्रथम संरक्षक महोदय कृपानन्द सर केर अध्यक्षता कार्यक्रम केर पूर्णता हेतु मोहर लगेबाक काज केलक। तहिना परम आदरणीय वरिष्ठ विकासवादी अभियानी आ हमरा लोकनिकेँ सदिखन आशीर्वाद सँ प्रेरित करनिहार अखिल भारतीय मिथिला संघ केर अध्यक्ष श्री विजय चन्द्र झा केर उपस्थिति मिथिलाक भीष्म पितामह समान छल। ऋषि मलंगिया भाइ केर सहयोगी - प्रेरक वचन सँ डेग-डेग उठबैत मात्र ४ दिन मे कार्यक्रम केँ सफलता संग संपन्न कैल जा सकल। नीरज पाठक, रामचन्द्रजी, हेमन्त भाइ, प्रसुन प्रशान्त, मिहिर बाबु - हम कतेक नाम गनाउ।
दिल्ली मे आब बुझाइते नहि अछि जे अपन निजी गाम नहि हो। अहाँ सबहक उर्जा सँ हमर उर्जा हजारो गुना बढि गेल अछि। सुनील पवन जी द्वारा कलश यात्राक प्रथम चरण लेल जोश-भरल मदैद - विश्वास राखू, अहाँक हर सपना पूरा होयत आ मिथिला-मैथिली लेल ई देन कदापि कियो बिसरि नहि सकत।

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