सब स पहिने छमा, किछु व्यक्तिगत मज़बूरी के कारण सक्रिय नै भा पवी रहल छी, मुदा कोनो बात नै जखन जखन समय भेटत त अपन भावना व्यक्त करबे टा करब, अखन तक दहेज़ मुक्त मिथिला के लेल, प्रवीन भाई आ प्रकाश भाई के आलावा कियो अहन सदस्य नै छित जे कोनो जमीनी अस्तर के काज केने होई. सिवाय सदस्यता शुल्क जमा केलौ. कते गोते त अखन धीर सदस्यतो शुल्क नै जमा केलौ.
ताई के बादो पता नै कियक वातावरण दूषित करावक लेल किछु गोटे ततेक धर्फरयल छित जेना लगैया की कही प्रवीन भाई आ प्रकाश भाई हुनकर मुह स रोटी छीन का परा गेला.
मुदा सावधान भा जाऊ जे कियो मैथिल मिथिला के नाम पर गुट वाजी व राजनीत करावक कोशिश करव तकरा मैथिल समाज कहियो माफ़ नै करत, ज आहा कोनो तरहक काज करावा में सक्छाम नै छि त अनुरोध जे जो कियो काज कराइ छैत त हुनका सार्थक समर्थन दियू, नै की हुनक भावना के ठेस पहुँचाऊ.
आहा सब के एक टा बात अश्पस्ट कई दी की "दहेज़ मुक्त मिथिला" कोनो संस्था नै बल्कि मिथिलाक जन जन के आन्दोलन थिक. आई में समश्त मैथिल के समर्थन के जरुरत आइछ. सब संस्था स अनुरोध आइछ जे अपन समर्थन करी चाहे जय अश्तर पर हुवे. आर्थिक, शारीरिक, मानशिक, आई में सब तरहक सहयोग के जरुरत छाई, श्रम दान आ धन दान दुनु के अपन अपन महत्व छई,
आ हमरा लोकिन के त गर्व हेबाक चाही जे हमरा सबके संग प्रवीन भाई , प्रकाश भाई, कृपानंद झा सर. राजू भाई, जीतू भाई, सोनू भाई, विकाश बाबु,मदन भाई,संदीप जी, आनंद भाई और ई मुहीम के सब सदस्य के समर्थन आ अजित आजाद सर, विश्वमोहन झा,सुबोध नारायण चौधरी आ पत्ता नै कते बरका बरका मैथिल विभूति सब के आशीर्वाद प्राप्त आइछ.
सविनय निवेदन जे आब बात मैथिल के सम्मान के आई, आब किनको व्यक्तिगत भावना के ठेश पहुचेबक मतलब, मैथिल के अपमान भेल. तै आऊ सब मिली जुली कै अई सागर रूपी विशाल मुहीम के आगू हाथ में हाथ जोइर बढाबी.
धन्यबाद.अखन काज बड बाकी आई , आई के बाद हमरा लोकिन सिर्फ आ सिर्फ काज के गप पर चर्चा करब नै की फुइसक गुप पैर.
हाँ एक टा गप और सब गोटे अपन विचार देवा लेल स्वतंत्र छि, मुदा आग्रह जे अपन विचार सिर्फ आ सिर्फ सार्वजनीक रुपे ई मंच पर दी.
ताई के बादो पता नै कियक वातावरण दूषित करावक लेल किछु गोटे ततेक धर्फरयल छित जेना लगैया की कही प्रवीन भाई आ प्रकाश भाई हुनकर मुह स रोटी छीन का परा गेला.
मुदा सावधान भा जाऊ जे कियो मैथिल मिथिला के नाम पर गुट वाजी व राजनीत करावक कोशिश करव तकरा मैथिल समाज कहियो माफ़ नै करत, ज आहा कोनो तरहक काज करावा में सक्छाम नै छि त अनुरोध जे जो कियो काज कराइ छैत त हुनका सार्थक समर्थन दियू, नै की हुनक भावना के ठेस पहुँचाऊ.
आहा सब के एक टा बात अश्पस्ट कई दी की "दहेज़ मुक्त मिथिला" कोनो संस्था नै बल्कि मिथिलाक जन जन के आन्दोलन थिक. आई में समश्त मैथिल के समर्थन के जरुरत आइछ. सब संस्था स अनुरोध आइछ जे अपन समर्थन करी चाहे जय अश्तर पर हुवे. आर्थिक, शारीरिक, मानशिक, आई में सब तरहक सहयोग के जरुरत छाई, श्रम दान आ धन दान दुनु के अपन अपन महत्व छई,
आ हमरा लोकिन के त गर्व हेबाक चाही जे हमरा सबके संग प्रवीन भाई , प्रकाश भाई, कृपानंद झा सर. राजू भाई, जीतू भाई, सोनू भाई, विकाश बाबु,मदन भाई,संदीप जी, आनंद भाई और ई मुहीम के सब सदस्य के समर्थन आ अजित आजाद सर, विश्वमोहन झा,सुबोध नारायण चौधरी आ पत्ता नै कते बरका बरका मैथिल विभूति सब के आशीर्वाद प्राप्त आइछ.
सविनय निवेदन जे आब बात मैथिल के सम्मान के आई, आब किनको व्यक्तिगत भावना के ठेश पहुचेबक मतलब, मैथिल के अपमान भेल. तै आऊ सब मिली जुली कै अई सागर रूपी विशाल मुहीम के आगू हाथ में हाथ जोइर बढाबी.
धन्यबाद.अखन काज बड बाकी आई , आई के बाद हमरा लोकिन सिर्फ आ सिर्फ काज के गप पर चर्चा करब नै की फुइसक गुप पैर.
हाँ एक टा गप और सब गोटे अपन विचार देवा लेल स्वतंत्र छि, मुदा आग्रह जे अपन विचार सिर्फ आ सिर्फ सार्वजनीक रुपे ई मंच पर दी.
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